गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग ने कुछ दिन पूर्व नवीन शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के कॉलेजों में एडमिशन के लिए जो सर्कुलर जारी किया था, उसमें ऐसे छात्रों को कॉलेजों में एडमिशन नहीं देने का प्रविधान किया गया था, जिनके खिलाफ अदालत में कोई आपराधिक प्रकरण चल रहा हो। इस सर्कुलर के जारी होते ही बवाल मच गया था। विपक्ष के साथ-साथ भाजपा सरकार के कई मंत्री तथा संगठन के कई पदाधिकारियों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। बता दें कि इस आदेश के नियमों के खिलाफ युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कड़ी आपत्ति ली थी। त्रिपाठी ने बयान जारी कर कहा था कि इस नए नियम की वजह से छात्र नेताओं का भविष्य चौपट हो जाएगा। छात्र कॉलेजों में अध्ययन के दौरान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन-प्रदर्शन की राह अख्तियार करते हैं, उसका हिस्सा बनते हैं। इसके चलते कई बार प्रबंधन उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा देते हैं। ऐसे में इस नए नियम के चलते छात्र नेताओं की मुश्किलें बढ़ेंगी। यह सही नहीं है।