सेवढा। मणिखेड़ा डैम में लगातार बढ़ रहे बारिश के पानी से दस गेट खुलने के कारण सिंध नदी उफान मारती चलने लगी। जिससे सिंध नदी का जलप्रलय अलग ही दिखने लगा। सेवड़ा में सुबह 4:00 बजे से अचानक जल स्तर तीव्र गति से बढ़ रहा था। जिसकी सूचना जैसे ही स्थानीय प्रशासन को लगी तो एसडीओपी उपेन्द्र दीक्षित व एसडीएम अनुराग निंगवाल व नायब तहसीलदार कल्पना कुशवाह व सब इंस्पेक्टर नीरज कुमार तत्काल संकुआ धाम पर पुलिस व गोताखोरों की तैनाती कर दी थी। पिछले 1 सप्ताह से ऊपरी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण मणिखेड़ा डैम लबालब भर गया था। जिसके चलते सोमवार को 10000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिसके चलते सिंध नदी में जलस्तर बढ़ने की संभावना नजर आई। इसके बाद मंगलवार को ओर गेट खोल दिये गए। जिसके चलते स्थानीय अधिकारियों को जैसे ही सूचना लगी वैसे ही सेबड़ा नगर व सिंध नदी के घाटों के समीपस्थ ग्रामो को मुनादी कर सूचित किया गया कि सिंध नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। जिसके चलते सिंध नदी से लोगों को दूर रहने की चेतावनी दी। मंगलवार को यह जलस्तर सनक सनदन सनातन सनत कुमार की तपोस्थली पर देखने को मिला संकुआ धाम पर प्राचीन छोटा पुल, काली माता मंदिर व संकुआ कुंड समेत 2 दर्जन से अधिक छोटे बड़े मंदिर सिंध नदी के जल से डूब गए। उसको देखने के लिए सेवड़ा नगर सहित आसपास के लोगों की भीड़ संकुआ धाम पहुंची। जिसकी सूचना स्थानीय अधिकारियों को लगी तो अनहोनी से बचने के डर से नगर परिषद सेवढा के द्वारा संकुआ धाम पर पहुचने वाले मार्गो को बैरिकेट की सहायता से लॉक्ड किया गया। एस डी एम अनुराग निंगवाल व एस डी ओ पी उपेन्द्र दीक्षित ने बढ़ते जल स्तर को देखकर सेवढा अनुभाग स्थित सिंध नदी के किनारे बसने वाले टोडा, कंजोली, लांच, विलासपुर, खेरोनाघाट, भरसुला ग्रामो को मुनादी कराकर चेतावनी दी। वंही रतनगढ़ माता मंदिर स्थित सिंध नदी पर स्टीमर भी जल स्तर बढ़ने से संकुआ धाम तक बहकर आ गया।



