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दतिया के 21 वर्ष पुराने बहुचर्चित सामूहिक हत्याकांड के मामले के 7 आरोपीयों को आजीवन कारावास 

2 आरोपीयों को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा

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दतिया।विशेष न्यायाधीश (एमपीडीवीपीके एक्ट) दतिया के द्वारा गुरुवार को एक बहुचर्चित हत्याकाण्ड के मामले में निर्णय पारित करते हुयेआरोपी 1-महेश यादव,2- बलवीर सिंह यादव, 3-अतरसिंह यादव,4- मुन्ना यादव,5- बरजोर सिंह यादव,6- मुकेश टांडोरिया यादव, 7-वनमाली यादव 8- दौलत सिंह यादव,9- राकेश को अपराध का दोषी माना गया है।जिसमें आरोपी 1 लगायत 7 को धारा 302 भादवि के अपराध में दोषी पाते हुये पृथक-पृथक चार बार एवं धारा 307 भादवि 7 बार दोनों अपराधों के लिए आजीवन कारावास एवं जुर्माना तथा आरोपी दौलत सिंह एवं राकेश को आपराधिक षडयंत्र का दोषी मानते हुये धारा 120बी भादवि के तहत उन्हें 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व जुर्माने से दण्डित किया गया।प्रकरण में विचारण के दौरान आरोपी श्यामलाल साहू एवं खैरी यादव की मृत्यु हो गई थी तथा अन्य आरोपी मुकेश यादव एवं बलदाऊ सिंह वर्तमान में फरार हैं।प्रकरण मेंअभियेाजन संचालन पंकज मिश्रा अपर लोक अभियोजक दतिया के द्वारा किया गया।प्रकरण की घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि घटना 23 अप्रेल 2003 को दोपहर लगभग 1ः30 बजे मृतक सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा, राधा वल्लभ दांगी, धर्मेन्द्र कमरिया एवं मोजी तिवारी अपने अन्य साथियों के साथ दो जीपों में बैठकर न्यायालय से पेशी कर के लौट रहे थे।आरोपीयों ने राजगढ़ चौराहे के पास पूरे सुनियोजित तरीके से हथियारों से लैस होकर उक्त लोगों की हत्या करने के लिए पहले से ही वहां मौजूद थे। जैसे ही मृतक राजगढ़ चौराहे पर पहुंचे तो आरोपीयों ने रास्ता बंद कर अंधाधुन फायरिंग शुरू कर दी। आरोपीयों के द्वारा रायफलों से लगभग 100-150 राउण्ड फायरिंग की गई। उक्त फायरिंग से कुल 11 लागों को गोलियां लगीं। फायरिंग से मृतकों की जीप रुक गयी तो आरोपीगण द्वारा मृतक सतेन्द्र सिंह बुंदेला उर्फ भैया राजा एवं राधावल्लभ दांगी के सिर में पास में आकर कई गोलियां मारीं, जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई थी। उपचार के दौरान मोजी तिवारी एवं धर्मेन्द्र तिवारी की भी मृत्यु हो गयी।अन्य 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुये थे।घटना के सबंध में थाना कोतवाली दतिया ने अपराध क्रमांक 158/2003 अंतर्गत धारा 302, 307, 395, 397, 120बी भादवि, 11, 13 एमपीडीवीपीके एक्ट एवं 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बाद अनुसंधान अभियोग पत्र माननीय न्यायालय जिला दतिया में प्रस्तुत किया गया।विचारण के दौरान माननीय न्यायालय के समक्ष पैरवीकर्ता पंकज मिश्रा अपर लोक अभियोजक के द्वारा प्रभावी तर्क एवं न्याय दृष्टांत प्रस्तुत करते हुये आरोपी को शिक्षाप्रद दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया जिसपर विद्वान विचारण न्यायालय द्वारा अभियेाजन साक्ष्य पर विश्वास करते हुये आरोपी को उपरोक्तानुसार दोषी मानते हुए दण्डादेश दिया गया।

Abhishek Agrawal