भितरवार। कोरोना महामारी में गांवो की स्व सहायता समूह की महिला सदस्यों की जो महती भूमिका रही है वह किसी से छिपी नहीं है। पूरे महामारी काल में समूह की महिलाओं ने मास्क, सेनीटाइजर और पीपीई किट बनाकर मानव सेवा करके यह बता दिया था कि संकट के दौर में भी हम किसी से कम नहीं हैं। अब राष्ट्र सेवा की भावना लेकर हर घर तिरंगा अभियान के तहत राष्ट्रीय ध्वज की शान के लिए अलख जगाते हुए उनका सिलाई का कार्य शुरू कर दिया है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत भितरवार ब्लॉक के 30 स्व सहायता समूह की 100 महिलाएं तेज गति से झंडा बनाने के अभियान में जुट गई है। इतना ही नहीं तिरंगा निर्माण के साथ अपने आसपास और गांव में प्रत्येक घर जा जाकर राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और महत्व बता रही हैं। साथ ही 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा लगाए जाने की बात कह रही है। तिरंगा बनाने के अभियान में जुटी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने पहले राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज बनाने की विधि सीखी साथ ही ध्वज संहिता का ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से झंडा सिलाई का अभियान गांव गांव जा रही है।
बता दें कि 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से भारत देश स्वतंत्र हुआ था उसी स्वतंत्रता के 15 अगस्त 2022 को 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं ऐसे में पूरे देश भर के अंदर आजादी के 75 वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव को मनाने के लिए पूरे वर्ष भर कई आयोजन निरंतर चलते रहे। वही है प्रत्येक भारतीय के दिल में देश प्रेम की भावना जागृत करने के लिए इस बार केंद्र सरकार द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने इस अभियान के तहत देशवासियों से अपने घरों में राष्ट्रध्वज फहराने की अपील की है। तो वही राष्ट्रध्वज के प्रति सम्मान और राष्ट्र की एकता को मजबूती प्रदान करने के लिए इसे जरूरी बताया है। 13 से 15 अगस्त तक चलने वाले इस अभियान के दौरान भितरवार ब्लॉक में लगभग 1 लाख राष्ट्रीय ध्वज की सिलाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें से अभी तक समूह की महिलाओं द्वारा 35 हजार ध्वज बनाकर नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायतों को जनपद पंचायत के माध्यम से सुपुर्द कर दिए गए हैं।
जिला पंचायत से उपलब्ध कराया कपड़ा
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा संचालित 1155 स्व सहायता समूह में से 30 स्व सहायता समूह राष्ट्रीय ध्वज की सिलाई के कार्य में जुटे हुए हैं जिसमें संबंधित समूह की 100 महिलाएं कार्य कर रही है। वही ध्वज बनाने के लिए समूह की महिलाओं को जिला पंचायत के माध्यम से कटिंग किया हुआ कपड़ा उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए शासन स्तर से प्रत्येक ध्वज की सिलाई पर रुपए का मेहनताना दिया जा रहा है।
चीनौर मैं बनाया सिलाई का मुख्य सेंटर
हर घर तिरंगा अभियान के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा संचालित स्व सहायता समूह के लिए जिला पंचायत की ओर से चीनौर के उप कार्यालय को मुख्य सेंटर बनाया गया है जहां चाडौल वाली मां स्व सहायता समूह के मार्गदर्शन में तो वहीं ग्रामीण आजीविका मिशन के उप प्रबंधक गजेंद्र राणा की देखरेख में ध्वज सिलाई का कार्य किया जा रहा है। जिसमें ग्राम पुरा बनवार के जय भीम स्व सहायता समूह की अध्यक्ष गुड्डी मंडेलिया, सचिव सुमन मंडेलिया तो चाड़ौल स्व सहायता समूह की अध्यक्ष नारायणी बाथम धूमेश्वर 6 स्व सहायता समूह की गिरजेश गॉड, रामवती, यशोदा आदि समूह की अलग-अलग महिलाएं अपनी समिति सदस्य महिलाओं के साथ सिलाई के कार्य में जुटी हुई है। वहीं चीनौर के मुख्य सेंटर पर नाबार्ड योजना के तहत लगाई गई हाईटेक सिलाई मशीनों से ध्वज की सिलाई कर रही है। इस दौरान गुड्डी मंडेलिया, सुमन, रेनू, ममता, भावना आदि ने बताया कि 20 बाई 30 इंची के आकार के ध्वज शिल्कर लेकर तैयार किए जा रहे हैं। अमूमन एक महिला 1 दिन में 200 से 300 ध्वज सिल्कर 500 से 600 रुपए कमा रही है। वही एक और महिलाओं को घर बैठे काम धंधा मिल गया है जिससे वह स्वाबलंबी होकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है। तो वहीं उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़े सम्मान की बात है कि देश सेवा के रूम में जो हर घर तिरंगा अभियान सरकार द्वारा चलाया जा रहा है उस अभियान में सहभागिता निभाने के लिए जो जिम्मेदारी हमें दी गई है यह बहुत बड़ी बात है। राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने में जहां अपार खुशी मिल रही है तो परिवार के लोग भी इसमें भरपूर सहयोग कर रहे हैं।
चाडौल स्व सहायता समूह की अध्यक्ष नारायणी बाथम ने कहा कि कोरोना महामारी के 2 वर्षों में जिस प्रकार जरूरत के वक्त मास्क, सैनिटाइजर पीपीई किट बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी ठीक उसी प्रकार अब राष्ट्रीय ध्वज बनाने की जिम्मेदारी दी गई है उसे भी हम पूरी शिद्दत के साथ पूरा करेंगे।
भितरवार से कृष्णकांत शर्मा की खबर





