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सिंधी समाज की आस्था व विश्वास का प्रतीक पवित्र ज्योति के स्नान का पर्व बुधवार से प्रारंभ हो गया है

सिंधी समाज की आस्था व विश्वास का प्रतीक पवित्र ज्योति के स्नान का पर्व बुधवार से प्रारंभ हो गया है। दो साल से कोरोना काल के कारण सारे त्यौहार फीके नजर आ रहे थे, न तो बाहर से श्रद्धालु आ रहे थे और न ही भव्य चल समारोह निकाला जा रहा था। आज से सिंधी समाज का यह पर्व प्रारंभ हो चुका है।

पर्व को लेकर बुधवार शाम को सिंधी समाज के लोगों ने संत हजारी राम मंदिर से भव्य बाइक रैली निकाली। यह रैली संत हजारी राम मंदिर से विभिन्न मार्गों से होकर पीतांबरा मंदिर से वापस संत हजारी राम मंदिर पहुंची। इसी के साथ रैली में सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए और डीजे के साथ मन मस्त होकर चल रहे थे।

30 जुलाई को विशाल चल समारोह

30 जुलाई को सिंधी समाज का विशाल चल समारोह निकाला जाए गा। इसी दिन ज्योति का शहर में स्थित करण सागर तालाब में स्नान कर वापस मंदिर में रखा जाएगा। 31 जुलाई का कार्यक्रम का समापन किया जाए गा।

सिंधी समाज की पवित्र ज्योति देश विभाजन के साथ सन् 1947 में दतिया पहुंची थी। इसे गाड़ी खाना में स्थापित किया गया। शुरूआती दौर में सिंधी समाज के लोग सादगी पूर्ण तरीके से ज्योति को स्नान के लिए गाड़ी खाना से भांडेरी फाटक होते हुए करन सागर तालाब पर भजन कीर्तन करते हुए ले जाते थे। लगभग 30 साल पहले यानि 90 के दशक में ज्योति स्नान पर्व ने भव्य रूप लेना शुरू किया। देश के कोने कोने से सिंधी समाज के लोग आने लगे।

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