किसान औषधी युक्त गुड़ का उत्पादन कर अधिक आय ले
कलेक्टर ने गुड़ उत्पादकों से की सीधी चर्चा

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दतिया। एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत् जिले में गन्ना की खेती के प्रति कृषकों को प्रोत्साहित करने के साथ गुड़ बनाने वाले उत्पादकों को परंपरागत गुड़ के उत्पादन के साथ समय एवं उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप जैविक एवं औषधी युक्त गुड बनाने के संबंध कलेक्टर संजय कुमार ने अधिकारियों के साथ गोराघाट क्षेत्र के भरसूला में कृषकों से सीधे चर्चा कर उन्हें बेहतर गुड़ बनाने की जानकारी दी। जिससे कम लागत में किसान अधिक उत्पादन ले सके साथ ही आय में भी भी दोगुना वृद्धि हो सके। और जिले की पहचान उम्दा किस्म के गुड़ उत्पादान जिले में जानी जा सके। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत् कलेक्टर संजय कुमार ने कृषि, उद्यानिकी, उद्योग, आजीविका मिशन आदि विभागों के अधिकारियों के साथ ग्राम भरसूला में गन्ना की खेती करने वाले एवं गुड़ उत्पादक कृषकों से सीधा संवाद किया।कलेक्टर संजय कुमार ने कहा कि जिल में गोराघाट एवं सेवढ़ा क्षेत्र में किसान गन्ने की बम्पर फसल ले रहे है। और परंपरागत तरीके से गुड़ उत्पादन कर रहे है जिससे कृषकों को गुड़ उत्पादन से जो लाभ मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए जिले के कृषकों एवं गुड़ उत्पादकों को उन्नत प्रजाति के गन्ने की किस्मे बोने, तकनीकी सलाह से खेती करने, देश के ऐसे प्रगतिशील गन्ना की खेती करने वाले कृषक एवं गुड़ उत्पादन करने वाले कृषकों से रूबरू कराकर उनसे मार्गदर्शन दिलाने हेतु कृषकों को भ्रमण कराने के उपसंचालक कृषि को निर्देश दिए।गोराघाट व्यवस्थित गुड़ मार्केट विकसित होगा। कलेक्टर ने कहा कि हमें गन्ने की खेती के साथ उत्पादन को भी आधुनिक तरीके से समय एवं लोगों की मांग के अनुरूप जैविक एवं औषधीय युक्त गुड़ निर्मित कर सामान्य गुड़ की अपेक्षा अधिक दाम प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसान ऐसा गुड़ बनाये जिससे उसकी एक अलग पहचान हो और लोग विशेष ब्रांड या दतिया जिले के गुड़ के नाम से गुड़ खरीद सके। इसके लिए हमे हाट बाजार, होटल, माॅल, मेलों आदि में स्टाॅल लगाकर गुड़ की विभिन्न अलग-अलग साईज के आकर्षक पैकिंग कर प्रचार-प्रसार किया जाए और मार्केटिंग भी की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि देश में गुड़ की जो बढ़ी मंड़िया या बाजार है उनके व्यापारियों से सीधा सम्पर्क कर किसानों को विचैलियों से मुक्त कराकर सीधा लाभ गुड़ उत्पादकों को दिलाया जा सकता है। कलेक्टर ने गुड़ उत्पादकों को ई मार्केट से जोड़ने की भी सलाह दी। उन्होंने कृषि विभाग को गन्ने का रकबा बड़ाने पर भी जोर दिया। इस दौरान गुड़ आकर्षक साईज, पैकिंग प्रसंस्करण संयंत्र, वैल्यू एडीशन, वैज्ञानिक पद्धति से औषधी युक्त गुड़ बनाने में भी विशेषज्ञों का सहयोग लेने पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हमें हर हालत में लागत को कम कर अधिक मुनाफा लेना है। कलेक्टर ने कहा कि गोराघाट क्षेत्र में सड़क के किनारे ओपन गुड़ मार्केट को स्व-सहायता समूह के माध्यम से व्यवस्थित गुड़ मार्केट के रूप में विकसित किया जायेगा। इस दौरान गांव के कृषक विनोद श्रीवास्तव ने गुड़ बनाने की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अगर उन्नत किस्म का गन्ना बीज का उपयोग कर अधिक रस वाला गन्ना ले सकते है। कृषक श्री रामनिवास रावत ने कहा कि स्थानीय भूमि के अनुकूल अधिक उत्पादन देने वाली गन्ने की प्रजाति के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए। इस दौरान उपसंचालक कृषि श्री डीएसडी सिद्धार्थ, सहायक संचालक उद्यान श्री सर्वेश तिवारी, उद्योग विभगा से सुश्री संगीता पंडोलिया, सलाहकार सुश्री आरती पाठक आदि उपिस्थत थे।




