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डॉक्टर की लापरवाही ने ले ली मासूम की जानडेंगू था बच्चे को डॉक्टर करता रहा मलेरिया का इलाज ,बच्चे की मौत

डॉक्टर की लापरवाही ने ले ली मासूम की जानडेंगू था बच्चे को डॉक्टर करता रहा मलेरिया का इलाज ,बच्चे की मौत

बच्चे के परिजनो ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग। दतिया । डॉक्टर को भगवान के रुप माना जाता है रक्षक माना जाता है लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो क्या होगा। दतिया में एक सरकारी शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा बच्चे के इलाज में लापरवाही किये जाने पर बच्चे की जान तक चली गई। बच्चे को डेंगू हुआ था लेकिन डाक्टर मलेरिया का इलाज करता रहा। दतिया के आनंद टाकीज निबासी अरविंद रावत पुत्र गोरी शंकर रावत ने कलेक्टर को दिए आवेदन में बताया कि 13 सितम्बर को उसके आठ साल के बच्चे अग्रिम रावत को बुखार आने पर जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशषज्ञ ड़ा डी के गुप्ता के निजी क्लिनिक पर दिखाया उनके बताए अनुसार सीबीसी ओर मलेरिया की जांच कराई । अगले दिन बच्चे के शरीर और लाल दाने होने पर पुनः डॉक्टर के क्लिनिक पर बच्चे को दिखाने गए तो उन्होंने मलेरिया की दवाई लिख दी और कहा कि यह रैशेज है कोई बात नही बच्चा ठीक हो जाएगा । जब बच्चे की हालत बिगड़ी तो उसे 17 तारीख को डॉक्टर ने जिला अस्पताल में लाने को कहा और वहां भी डॉक्टर की लापरवाही जारी रही और बच्चे के पिता ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ ने बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया और बच्चे की मौत के बाद उसके पर्चे जांच तक फाड़ दी।बच्चे की मौत से पूरे परिवार बदहवास है एवं डॉक्टर की लापरवाही को बच्चे की मौत की वजह मान रहे है। कल 21 सितम्बर को मृत बच्चे के पिता अरविंद रावत ने कलेक्टर संजय कुमार को आवेदन देकर डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही यह कि गयी कि बच्चा डेंगू से पीड़ित था जबकि इसका इलाज मलेरिया का किया गया उसकी डेंगू की जांच तक नही कराई गई जबकि दतिया में 15 केस तब तक निकल चुके थे।

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