दतिया। जिले में सिंध नदी के किनारे बसे लगभग 52 गांव में से बाढ़ का प्रक्रोप करीब 36 गांव में पड़ा है। जिसमें से 18 गांव के लोग प्रभावित हुए है उन्हें समुचित स्थानों पर रखने की व्यवस्था की गई। इन गांव के कुछ लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से एवं भारतीय सेना के जवानों ने नाव के माध्यम से सरुक्षित स्थानों पर पहुंचाया। कलेक्टर संजय कुमार ने उक्त आशय की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अतवर्षा एवं बाढ़ के कारण ऐसे हालत 36 ग्रामों में निर्मित हुए। इन सभी गांव में बचाव एवं राहत काम चल रहा.है। यह कार्य पूर्ण होते ही गुरूवार से नुकसान के सर्वे का कार्य राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में सर्वेक्षण दल द्वारा शुरू किया जायेगा। सर्वेक्षण दलों का गठन आज कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है। सर्वेक्षण दल द्वारा खेतों पर फसलों की क्षति, पशु हानी एवं अतिवर्षा एवं बाढ़ से क्षतिग्रस्त आवासों का आंकलन किया जायेगा। क्षति होने पर पीड़ित व्यक्तियों को शासन के नियमों के प्रावधानों के तहत् सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। सर्वेक्षण के कार्य में पूरी पारदर्शिता रखे जाने के साथ इस बात का विशेष ध्यान दिया जायेगा कि पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि पुर्नवास एवं राहत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। ऐसे परिवार जिनका आवास ध्वस्त हो चुका है उन परिवारों को रहने, खाने के साथ आवास की भी वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
लोग अफवाहों पर ध्यान न दें
कलेक्टर संजय कुमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कतिपय कुछ लोगों द्वारा शिवपुरी जिले में स्थित मड़ीखेड़ा डेम (अटल सागर) टूटने की जो अफवाह एवं भ्रम फैलाया जा रहा है वह असत्य एवं निराधार है उस पर ध्यान न दें। कलेक्टर ने लोगों से आग्रह किया है कि इस प्रकार की अफवाह पूरी तरह से निराधार एवं असत्य है बल्कि डैम से पानी की निकासी भी कम हो गई जो धीरे-धीरे कम होगी। कलेक्टर संजय कुमार ने सेवढ़ा अनुभाग के तहत् सनकुंआ क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का अवलोकन कर रेस्क्यू कार्य का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को बताया.कि ऐसे बाढ़ प्रभावित गांव में से कुछ गांव में वह नहीं पहुंच सके है उन गांवों में तत्काल पहुंचने के अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारी सेवढ़ा को निर्देश दिए गए है।



