
दतिया। सिंध नदी का जल स्तर बढ़ जाने से नदी से लगे निचले ग्रामीण इलाको में बाढ़ आ गई। जहा ग्राम बारिश के पानी से टापू में तबदील हो गए और जिंदगी वही की वही फंसी रह गई। जिन्हें बचाने के लिए पुलिस, होमगार्ड ओर एसडीआरएफ की टीम की व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही थी। जिसके चलते सरकार भारतीय सेना की मदद लेनी। सेना ने ग्राम पाली में फंसे नाव व चोपर से रेस्क्यू ऑपरेशन कर 46 लोगो को सुरक्षित बचाया है। देर रात आदेश जारी होने के बाद सेना दतिया जिला इंदरगढ़ कस्बे ग्राम पाली पहुँची थी। जहाँ रात को ही सारी तैयारी कर सुबह करीब 6 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इंदरगढ़ तहसील के पाली ग्राम के एक टापू पर फसे 46 लोगों को भारतीय सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर सकुशल बाहर निकाल लिया है। भारतीय सेना ने ग्रामीणों के साथ फंसे इंदरगढ़ तहसीलदार सुनील भदौरिया सहित 14 ग्रामीणों को हैलीकॉप्टर के जरिए बाहर निकाला जबकि अन्य ग्रामीणों को मोटर वोट से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। टापू पर फसे तहसीलदार ने भारतीय सेना के जवानों का शुक्रिया अदा कर उनका आभार जताया ओर बाढ़ में फँसे होने के हालात व्यान किये है। पिछले 24 घंटे से एक टापू पर फंसे ग्रामीणों की जान बचाने में भारतीय सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा। लोगो को बचाने के बाद लोगो ने भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे लगाए ओर आर्मी को धन्यवाद किया। मालूम हो कि सिंध नदी के जल स्तर ने दतिया में चारो तरफ तबाही मचा दी है। जिससे नदी से किनारे बसे ग्रामीणों की जान पर बन आई। उल्लेखनीय है कि बाद के कारण नदियों बाले क्षेत्र में पुलिस एवं प्रशासन हाईअलर्ट पर है। वही उफनती नदी के बहाव में संकुआ धाम स्थित रामोराम की बगिया पर करीब 6 सन्त महात्मा फस गए थे। जिसे निकालने के लिए 30 घण्टे का समय शासन को लग गया। लेकिन आख़िर कार 6 लोगो की जान हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू कर उन लोगो को बचा लिया गया। वंही रेस्क्यू के समय एस पी दतिया अमन सिंह राठौड़ व कलेक्टर दतिया संजय कुमार समेत स्थानीय एस डी ओ पी उपेन्द्र दीक्षित, एस डी एम अनुराग निंगवाल, टी आई रत्नेश यादव, तहसीलदार साहिर खान, नायब तहसीलदार कल्पना सिंह कुशवाह मुख्य रूप से मौजूद रहे।
राजपरिवार ने संकुआ धाम की पूजा अर्चना
सिंध नदी में बढ़ते जल स्तर बढ़ने से रोकने के लिए राजपरिवार कुँवर घनश्याम सिंह व कन्हरगढ़ दुर्ग की महारानी श्रीमती उमा कुमारी ने वैदिक रीति रिवाज से पदम् नारायण दिवोलिया के द्वारा पूजा अर्चना की गई और प्रार्थना कर सिंध नदी के जल स्तर के उफान को कम करने के लिए ईश्वर से कामना की।




