दतिया।जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास अरविंद उपाध्याय के निर्देशन में मंगलवार को बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम हेतु 20 दिवसीय जागरूकता अभियान के प्रथम चरण के दौरान जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा सोनागिरी जैन तीर्थस्थल, जिला दतिया पर बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान का संचालन किया गया। कार्यवाही के दौरान 1 बच्चा भिक्षावृत्ति करते हुए पाया गया। बच्चे से बातचीत की गई एवं समझाईश दी गई कि वह प्रसाद एवं रूपये पैसे के लालच में भीख न मांगे तथा नियमित स्कूल जाये। बच्चे के स्कूल जाने के संबंध में शासकीय प्राथमिक विद्यालय सिनावल के शिक्षकों से संपर्क कर विद्यालय में बालक के नामांकन के संबंध में प्रमाणीकरण प्राप्त किया गया, तथा बच्चा नियमित स्कूल आये ऐसा सुनिश्चित करने हेतु बच्चे के परिजनों एवं बच्चे से नियमित संपर्क करने हेतु शिक्षकों से अनुरोध किया गया।दल द्वारा मौके पर ही बच्चे के संरक्षक को खोजकर बुलाया गया। दल में उपस्थित बाल कल्याण समिति दतिया के सदस्य वैभव खरे द्वारा बच्चे को उसके परिजन को सौप दिया गया।दल में शामिल अधिकारियों द्वारा बच्चे के परिजनों एवं मंदिर के आसपास उपस्थित जन सामान्य और दुकानदारों को किशोर न्याय अधिनियम की जानकारी देते हुए बताया गया कि बाल भिक्षावृत्ति कानूनन अपराध है। बच्चों से भीख मंगवाना अधिनियम की धारा 76 के तहत दंडनीय अपराध है। जिसमें भीख मांगने के प्रयोजन के लिए बालक को नियोजित करने या किसी बालक से भीख मंगवाने पर 5 वर्ष के कारावास और 1 लाख के दंड का प्रावधान है।बच्चों के विकास के लिए आवश्यक है कि उन्हें नियमित विद्यालय भेजा जाए उनकी उचित ढंग से शिक्षा एवं पालन पोषण किया जाए उनकी उचित ढंग से शिक्षा और पालन पोषण किए जाने हेतु बच्चों के माता-पिता को चेतावनी दी गई तथा शासकीय योजनाओं से लाभ प्राप्त करने हेतु माता-पिता को समझाइस दी गई तथा काउंसलिंग की गई तथा आवश्यक दस्तावेज बाल संरक्षण कार्यालय में प्रस्तुत करने हेतु कहा गया। जिससे बच्चों को शिक्षा एवं पोषण हेतु शासन की सहायता प्रदान की जा सके।
कार्यवाही के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग से बाल संरक्षण अधिकारी धीरसिंह कुशवाह,बृजेंद्र सिंह कौरव, कुश मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता श्री आकाश श्रीवास्तव, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।




