
दतिया।4 अप्रेल को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया में पहला दीक्षांत समारोह बड़े उत्साह के साथ आयोजित हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर 2018 और 2019 बैच के 130 से अधिक एमबीबीएस छात्रों को उनकी उपाधियाँ प्रदान की गईं। छात्रों के माता-पिता को भी इस समारोह में आमंत्रित किया गया था,जो अपने बच्चों की उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहे थे। उक्त कार्यक्रम डीन और सीईओ, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दतिया, डॉ. दीपक सिंह मरावी के निर्देशन में दीक्षांत समिति के प्रमुख डॉ. प्रदीप शुक्ला एवं टीम के द्वारा आयोजित किया गया,समारोह की शुरुआत शाम 6 बजे हुई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के तौर पर एसआरवीएस मेडिकल कॉलेज, शिवपुरी के डीन डॉ. डी. परमहंस और वेटरनरी कॉलेज, दतिया के डीन डॉ. वी. पी. सिंह ने भी शिरकत की। मंच संचालन का कार्य डॉ. निधि अग्रवाल और डॉ. अभिषेक मेहता ने बखूबी संभाला, जिसने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत और सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, जिसने माहौल को ज्ञान और उत्सव से भर दिया। स्वागत, निमंत्रण एवं भोज की व्यवस्था डॉ. राजेश गुप्ता और डॉ. विवेक वर्मा द्वारा की गई! डॉ. दीपक सिंह मरावी ने अपने स्वागत भाषण में छात्रों की मेहनत और कॉलेज के योगदान को सराहा। इसके बाद 2018 बैच के छात्रों को उपाधियां दी गईं,जिसमें माता- पिता और दर्शकों की तालियों से सभागार गूंज उठा। डॉ. डी. परमहंस ने अपने संबोधन में चिकित्सा क्षेत्र में सेवा और समर्पण की बात कही। फिर 2019 बैच के छात्रों का दीक्षांत हुआ, जिसमें उत्साह और गर्व के पल देखने को मिले। दोनों बैच के 130 से अधिक छात्रों ने इस समारोह में अपनी उपाधि प्राप्त की, और उनके माता-पिता की आँखों में खुशी और गर्व साफ झलक रहा था। मुख्य अतिथि डॉ. अशोक कुमार सिंह ने अपने प्रेरक भाषण में छात्रों का उत्साहवर्धन किया और छात्रों से समाज के लिए नवाचार करने का आह्वान किया। उनकी 35 साल से अधिक की शोध और शिक्षा के अनुभव ने सभी को प्रभावित किया।समारोह में समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका डॉ. प्रशांत हरित ने निभाई, जिसके कारण सभी व्यवस्थाएँ सुचारु रूप से चलीं। अंत में स्मृति चिन्ह वितरण हुआ, जिसमें अतिथियों और आयोजकों को सम्मानित किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव के बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।




