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आईएमए दतिया द्वारा सीएमई का आयोजन,गैस्ट्रोएंटरोलॉजी पर हुई विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण चर्चा

दतिया।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ब्रांच, दतिया एवं बुंदेलखंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल झाँसी के संयुक्त तत्वावधान में “बियॉन्ड पीपीआई, अंडरस्टैंडिंग द रोल ऑफ वोनोप्राजान इन एसिड पेप्टिक डिजीज” विषय पर एक भव्य सीएमई (कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) का आयोजन बुधवार को किया गया।इस शैक्षणिक सीएमई में डॉ. राम प्रताप सिंह बुंदेला (एमडी, डीएम, गैस्ट्रो), निदेशक, बुंदेलखंड सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, झाँसी ने एसिड पेप्टिक रोग के उपचार में वोनोप्राजान की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पारंपरिक प्रोटोन पंप इनहिबिटर्स (पीपीआई) की तुलना में वोनोप्राजान अधिक प्रभावी और सुरक्षित है। उन्होंने इसके दीर्घकालिक लाभ और क्लिनिकल उपयोग पर भी चर्चा की।मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि रहे उपस्थित सीएमई के मुख्य अतिथि डीन डॉ. दीपक सिंह मरावी रहे,जिन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में नवीन अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नए शोध और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों को अपनाना चिकित्सा जगत के लिए आवश्यक है।

विशिष्ट अतिथि सीएमएचओ डॉ. हेमंत मंडेलिया ने कहा कि ऐसे आयोजनों से चिकित्सकों को नई चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी मिलती है, जिससे वे अपने रोगियों को और बेहतर इलाज दे सकते हैं।कार्यक्रम का संचालन डॉ. निधि शर्मा ने कुशलता से किया। सीएमई सत्र का सफल मॉडरेशन डॉ. सुरेंद्र बौध एवं डॉ. प्रदीप शुक्ला ने किया। उन्होंने चिकित्सा जगत में आ रहे बदलावों पर प्रकाश डालते हुए विशेषज्ञों से चर्चा की।चर्चा के दौरान चिकित्सकों ने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में हालिया शोध, वोनोप्राजान के प्रभाव, इसकी डोजिंग, दीर्घकालिक सुरक्षा एवं पेट से जुड़ी अन्य बीमारियों के नवीनतम इलाज पर गहन विचार-विमर्श किया।आईएमए दतिया के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत हरित ने सभी आगंतुकों और विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे वैज्ञानिक सत्र चिकित्सा जगत को नई दिशा देने में सहायक होते हैं।आईएमए दतिया के सचिव डॉ. के.पी. बरैठिया ने सीएमई के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि आईएमए दतिया भविष्य में और भी इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित करेगा, जिससे चिकित्सकों को नवीनतम जानकारी मिलती रहे।सीएमई में उपस्थित सभी चिकित्सकों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि नवीनतम चिकित्सा तकनीकों और दवाओं की जानकारी से मरीजों का उपचार अधिक प्रभावी और सटीक होगा।कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया ।

Abhishek Agrawal