
 दतिया। शहर के राजगढ़ चौराहे पर 24 अप्रैल 2003 को हुए बहुचर्चित सामूहिक नरसंहार मामले में 21 साल बाद विशेष न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी, जबकि 2 अन्य को 10-10 साल की सजा से दंडित किया। इस नरसंहार में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
दतिया। शहर के राजगढ़ चौराहे पर 24 अप्रैल 2003 को हुए बहुचर्चित सामूहिक नरसंहार मामले में 21 साल बाद विशेष न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी, जबकि 2 अन्य को 10-10 साल की सजा से दंडित किया। इस नरसंहार में 4 लोगों की मौत हो गई थी और 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।
कौन-कौन हुए दोषी
आजीवन कारावास पाने वालों में महेश यादव, बलवीर सिंह यादव, राकेश सिंह, बनमाली, बरजोर सिंह, अतर सिंह, और विसम्बर सिंह उर्फ बलदाऊ यादव शामिल हैं। वहीं, राकेश और दौलत सिंह को 120बी के तहत 10-10 साल की सजा सुनाई गई।
भाजपा नेताओं पर गिरी गाज
दोषियों में भाजपा नेता बलदाऊ यादव, जो भांडेर जनपद अध्यक्ष के पति हैं, और उनके जीजा मुकेश यादव भी शामिल हैं। बलदाऊ के पिता भी इस मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में हैं।
21 साल की लंबी कानूनी लड़ाई का अंत
21 साल से न्याय की आस में इंतजार कर रहे पीड़ित परिवारों के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत लेकर आया है। इस फैसले को क्षेत्र में कानून और न्याय की बड़ी जीत माना जा रहा है।




