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विश्व प्रसिद्ध मां पीतांबरा मंदिर में नवरात्र के पहले दिन भक्तों का लगा ताता कई मंत्रियों ने की विशेष पूजा।

दतिया/ मध्य प्रदेश के दतिया में ख्याति प्राप्त मां पीतांबरा मंदिर पूरे विश्व भर में अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं मां बगलामुखी शत्रुहनता, एवं राजनेताओं को सत्ता दिलाने वाली माता है। जब किसी पर कोई संकट आता है तो मां बगलामुखी के दर्शन मात्र से संकट दूर हो जाता है। यहां यह उल्लेखनीय है कि नवरात्र के पहले दिन मध्य प्रदेश के दतिया में स्थित मां पीतांबरा मंदिर पर भक्तों का ताता देखने को मिला। राष्ट्र पर कोई संकट आता है तो पीतांबरा मंदिर के अंदर बने हवन कुंड पर विशेष हवन किया जाता है जिसे मां पीतांबरा माई देश की स्वयं रक्षा करती हैं। यहां यह उल्लेखनीय है की मां पीतांबरा माई की स्थापना पूज्य गुरुदेव स्वामी जी महाराज ने 1935 में की थी। जानकारी के अनुसार बता दे की 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मां बगलामुखी ने देश की रक्षा की सन 2000 मैं कारगिल में भारत-पाकिस्तान के बीच पुनः युद्ध हुआ था तब भी विशिष्ट साधकों ने मां बगलामुखी गुप्त रूप से पुनः साधना एवं यज्ञ चारा जिसे दुश्मनों को मुंह की खानी पड़ी, इस दौरान 1962 में प्रारंभ हुआ भारत और चीन का युद्ध बाबा ने फौजी अधिकारियों को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध प्रदेश की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की प्रेरणा से 51 कुंडली महायज्ञ कराया था। बहरहाल मां पीतांबरा मंदिर के दरबार में कई पूर्व प्रधानमंत्री अपना माथा टेक चुके हैं, मां पीतांबरा माई शत्रुहनता एवं सत्ता दाहिनी है।

 

नवरात्र के पहले दिन दतिया पहुंचे मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट।

तांत्रिक शक्तिपीठ मां पीतांबरा मंदिर पहुंचकर मां बगलामुखी के किए दर्शन।

मंदिर प्रांगण में विराजमान महाभारत कालीन वन खंडेश्वर महादेव पर किया जलाभिषेक।

मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने करीब आधा घंटे मंदिर में की विशेष पूजा अर्चना।

दतिया में विराजमान मां पीतांबरा माई को राज सत्ता की देवी भी कहा जाता है।

नवदुर्गा महोत्सव में मां पीतांबरा मंदिर पर देश के नेताओं का लगा रहेगा ताता।

 

रिपोर्टर संगम कुशवाहा दतिया मध्य प्रदेश

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