भितरवार। नगर के लोगों की आस्था और विश्वास का प्रतीक नगर के बीचों – बीच पार्वती नदी के तट पर स्थित प्राचीन गोलेश्वर महादेव मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना मंदिर नगर की सुरक्षा की ढाल है और नगरवासियों की आपत्ती और विपत्ति से रक्षा कर रहा है। यहां कोई भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है
बता दें कि गोलेश्वर मंदिर लक्ष्मणगढ़ पहाड़ी को बीच में से काटकर भितरवार करैरा मुख्य सड़क मार्ग बनाया गया है। गोलेश्वर महादेव सूखा हो या अति वर्षा सबसे नगर की रक्षा करते हैं। क्षेत्र में भले ही दुर्दांत डकैतों का साया रहा हो, लेकिन नगर एवं नगर के लोगों के साथ कभी किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हुई। ऐसी मान्यता है कि निःसंतान दंपत्ति श्रद्धाभाव से 5 सोमवार आकर भगवान भोलेनाथ का विधि विधान के साथ श्रद्धा भाव से पूजन और जल अभिषेक कर परिक्रमा करते हैं, तो उनकी सूनी गोद भर जाती है।
बारिश के लिए गर्भगृह को शिवलिंग के डूबने तक पार्वती नदी के पानी से भरा जाता है
नगर के प्राचीन गोलेश्वर महादेव मंदिर को लेकर मान्यता है कि यदि भितरवार में पानी नहीं बरसता है, तो नगरवासी पार्वती नदी से पानी लाते हैं और उस जल को मंदिर के गर्भगृह में भरकर शिवलिंग को पूर्ण रूप से डुबोया जाता है। मंदिर के गर्भगृह को चारों ओर से मिट्टी लगाकर बंद कर दिया जाता है, ताकि पानी बाहर न निकल पाए। सभी लोग अपने सिर और कंंधों पर घड़े रखकर पानी भरकर लाते है और मंदिर के गर्भगृह को भरते हैं। जब पूरा शिवलिंग पानी में डूब जाता है तो अपने आप जलवृष्टि होने लगती है।
हर सोमवार और शिवरात्रि पर लगता है मेला

बताया जाता है कि गोलेश्वर मंदिर पर महाशिवरात्रि के पर्व पर विशाल मेले का आयोजन कराया जाता है। इसमें आसपास के गांव के लोगों के अलावा कई श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। इसके साथ ही मंदिर पर हर सोमवार को भी मेला लगता है। इसमें आसपास के ग्रामीण पूजा अर्चना के लिए आते हैं। मंदिर के अंदर स्थापित शिवलिंग के संबंध में नगर के कई बुजुर्गजनों का कहना है कि यह शिवलिंग की गहराई आज तक कोई नहीं माप सका है और यह पाताल जड़ शिवलिंग है। मंदिर के परकोटा के अंदर ही मंशापूर्ण हनुमानजी का मंदिर भी स्थापित है। गणपति भगवान का साथ ही शंकर पार्वती का भी मंदिर स्थापित है। यहां श्रावण मास के महीने में निरंतर कई आयोजन और अनुष्ठान दिन रात होते हैं जिनमें नजर की ही नहीं आसपास के लोग भी आकर पूरी शिद्दत से भाग लेते हैं।
भितरवार से कृष्णकांत शर्मा की खबर



