ग्वालियर

महाराज के पंच गीत भगवान के पंचप्राण हैं-भागवत व्यास पंडित महेश कुमार पांडेय

 

 

भितरवार। नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 1 घाटमपुर स्थित हनुमान मंदिर पर ग्राम वासियों के द्वारा आयोजित कराई जा रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन शनिवार को भागवत व्यास पंडित महेश कुमार पांडेय ने भगवान श्री कृष्ण के द्वारा आयोजित महारास लीला का वर्णन सुनाते हुए बताया कि महारास में 5 अध्याय हैं। उन में गाए जाने वाले पंच गीत भगवान के पंचप्राण हैं। इस दौरान उन्होंने कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कल्यावन का वध, उद्धव गोपी संवाद, उद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारकापुरी की स्थापना का भावपूर्ण वर्णन सुनाया। साथ ही भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाया जिसे सुन पांडाल में उपस्थित श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए और श्री कृष्ण और रुक्मणी की झांकी पर पुष्प वर्षा करने लगे।

 

वही भागवत व्यास ने बताया कि जीव परमात्मा का अंश है। इसीलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है, तो है मात्र संकल्प की होती है। संकल्प कपट रहे तो उन्हें से प्रभु उसे निश्चित ही पूरा करते हैं। वहीं उन्होंने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह का प्रसंग सुनाया। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के साथ हमेशा देवी राधा का नाम आता है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं में यह दिखाया भी था कि श्रीराधा और वह दो नहीं बल्कि एक हैं, लेकिन देवी राधा के साथ श्रीकृष्ण का लौकिक विवाह नहीं हो पाया।

 

देवी राधा के बाद भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय देवी रुक्मणी हुईं। देवी रुक्मणी और श्रीकृष्ण के बीच प्रेम कैसे हुआ इसकी बड़ी अनोखी कहानी है। इसी कहानी से प्रेम की नई परंपरा की शुरुआत भी हुई। देवी रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थी। रुक्मिणी अपनी बुद्धिमता, सौंदर्य और न्यायप्रिय व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थीं। रुक्मणि का पूरा बचपन श्रीकृष्ण के साहस और वीरता की कहानियां सुनते हुए बीता था। जब विवाह की उम्र हुई तो इनके लिए कई रिश्ते आए लेकिन उन्होंने सभी को मना कर दिया। उनके विवाह को लेकर माता-पिता और भाई चिंतित थे। बाद में रुक्मणी का श्री कृष्ण से विवाह हुआ। इस दौरान समस्त ग्राम वासियों ने श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह पर मंगल गीत गाए तो वहीं लोगों ने श्रद्धा व्रत होते हुए श्री कृष्ण और रुक्मणी की झांकी पर पुष्पों की वर्षा की वही नगर के अग्रवाल समाज के एक प्रतिष्ठित परिवार के द्वारा पूरे ग्राम वासियों के भंडारे का प्रबंध किया गया जिसमें हजारों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की।

 

भितरवार संवाददाता – कृष्णकांत शर्मा की खबर


घाटमपुर में श्रीमद् भागवत कथा का छठवां दिन
Abhishek Agrawal