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शिक्षक के बेटे ने यूपीएससी एग्जाम में मारी बाजी पहले प्रयास में पाई 247 वी रैंक एमसीए की ओर से खेल चुका है स्टेट लेवल का क्रिकेट मैच

लगन और ईमानदारी से की गई कोशिश, एक बेहतर परिणाम में साबित जरुर होती है। यह कहा जाता है, पर अमल में लाता कोई-कोई ही है। उनमें से मृदुल शिवहरे भी है, जो दतिया जिले के बुन्देला कॉलोनी के निवासी है। गांव बरगांए में शा. प्राथमिक विद्यालय में पदस्त शिक्षक प्रेम नारायण के इस होनहार बेटे ने सोमवार को जारी हुई। यूपीएससी के परीक्षा परिणाम में 247 रेंक पाकर अपनी जगह बनाई है और प्रदेश में कलेक्टर के तौर पर उसका चयन हुआ है।

मृदुल की शुरुआती शिक्षा दतिया के हंस वाहिनी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पूरी हुई, इसके बाद उसने इंदौर के हरिहंत कॉलेज से इंजीनियरिंग की शिक्षा ली और फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरु कर दी। उसकी इस कोशिश को सोमवार को जारी हुके परिणाम ने पंख लगा दिए।

शिक्षक के काबिल बेटे मृदुल दौड़ पूर हुई। मध्यम वर्गीय परिवार के होनहार बेटे ने इस सफलता का श्रेय है अपने माता-पिता गुरु जन और अपने मित्र मंडली को दिया है।

क्रिकेट मैच थी रुचि बन गया कलेक्टर

मृदुल के करीबी दोस्त राहुल गुर्जर ने बताया कि मृदुल क्रिकेट में रुचि रखता था। वह MCA (मध्य प्रदेश चंबल अकेडमी) की ओर से स्टेट लेवल पर खेला भी चुका है । साथ ही मृदुल पढ़ने में होशियार है। यूपीएससी की तैयारी के समय पर रोजाना 16 से 17 घंटे पढ़ाई करता था। आज मृदुल की इस मेहनत ने उसे कलेक्टर बना दिया है। साथी मृदुल की मित्र मंडली में खुशी का माहौल है।

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