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प्राकृति आपदाओं से निपटने हेतु लोगों को करें जागरूक शासकीय महाविद्यालय में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हेतु मॉक ड्रिल आज

प्राकृति आपदाओं से निपटने हेतु लोगों को करें जागरूक
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शासकीय महाविद्यालय में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हेतु मॉक ड्रिल आज
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दतिया। प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जनसामान्य को जागरूक करने एवं आपदाओ ंसे निपटने हेतु बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध मे कलेक्टर श्री संजय कुमार की अध्यक्षता संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांण्ड़ेड अभिषेक कुमार राय, इंस्पेक्टर धीरेन्द्र कुमार उपाध्याय, शिवपूजन सिंह सहित अनुविभगाीय अधिकारी राजस्व दतिया ऋषि ंिसंघई, सेवढ़ा अनुराग निगवाल, भाण्ड़ेर इकबाल मोहम्मद, जिला सलाहकार आपदा प्रबंधन सुनील गायकवाड़, पुलिस, होमगार्ड, नगरीय निकाय, महाविद्यालय के एनसीसी, एनएसएस के प्रभारी आदि उपस्थित थे। कलेक्टर श्री कुमार ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने हेतु विभिन्न।माध्यमों से जन सामानय को जागरूक करना होगा। इसके लिए आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण समय-समय पर जिले के महाविद्यालय एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों एवं स्वयंसेवी संस्थओं को भी दिया जाए। जिससे आवश्यकता पड़ने पर आपदा से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि खेतों में खनन किए गए असफल खुले बोरबेलों में छोटे बच्चांे के फसने के प्रकरण देखे जा रहे है। ऐसे वक्त पर तत्काल सहायता एवं बचाव हेतु स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। जिससे बोरबेल में बच्चों के फसने की घटनाओं को रोका जा सके।
डिप्टी कमाण्डेट श्री राय ने पावर प्रजेनटेंशन के माध्यम से प्राकृतिक आपदाओं के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में प्रतिवर्ष 18 हजार व्यक्ति भूकंप के कारण के अपनी जान गवा देते है। भूकंप प्राकृतिक आपदाओं में से एक है लेकिन इसका पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दतिया एवं ग्वालियर जोन नम्बर 2 में है जो सुरक्षित क्षेत्र है। जोन 3 सर्वाधिक भूकंप फॉल्ट लाईन होने के कारण अधिक भूकंप देखने को मिले है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी से पचास किलोमीटर नीचे आने वाला भूकंप कम हानिकारक होता है। लेकिन इससे ऊपर का भूकंप काफी जानमाल को नुकसान कर सकता है। उन्होंने भूकंप आने के दौरान किस प्रकार जानमाल को बचाया जा सकता हे। उसकी जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप आने पर खुली जमीन पर पहुंचे। खुली जमीन न होने पर भवन या कमरे के किसी एक कोने पर खडे हो अथवा कोई ऐसी वस्तु जिससे अपने सिर को बचाया जा सकता है उसका उपयोग करें। भूकंप रोधी भवनों का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि भूकंप आने पर भवनों में फसे हुए लोगों मे ंसबसे पहले, बुर्जग, बच्चे, महिलाओं आदि को निकलाने का कार्य करें। उन्होंने बताया कि शनिवार को शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय दतिया में प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक भूकंप आने पर किस प्रकार बचाव किया जा सके इस संबंध में मॉकड्रिल की जायेगी।

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