ये शहीदों ये शहीदों तुमको है मेरा नमन याद करके आज तुमको गर्वित हुआ है यह बतन :- सुघर सिंह रावत

बाल प्रगति बृद्धाश्रम पर शहीद दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन युवा साहित्यकार श्री सुघर सिंह रावत जी द्वारा किया गया युवा किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शहर के वरिष्ठ साहित्यकार रवि ठाकुर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेंद्र शुक्ल मधुर द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथि के रूप में लोक अभियोजन अधिकारी श्री जितेंद्र द्वेदी उपस्थित रहे। अतिथियों का माल्यार्पण एवं स्वागत संस्थान के संचालक सुदीप तिवारी एवं साहित्यकार सुघर सिंह रावत द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री सुंदरलाल श्रीवास्तव द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात राजेंद्र शुक्ल जी ने बिखरी हो जब चांद नहीं होत सुहानी रात ऐसे में नीचे लगे मधुर मिलन की बात का काव्य पाठ किया। सुघर सिंह रावत द्वारा ये शहीदों ये शहीदों तुमको है मेरा नमन याद करके आज तुमको गर्वित हुआ है यह बतन कविता से वाहवाही लूटी। तत्पश्चात वरिष्ठ साहित्यकार ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने इस पतन से बड़ा कोई मंदिर नहीं प्रेम से गहरा कोई समंदर नहीं काव्य पाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र त्रिपाठी द्वारा वतन का गौरव ये तिरंगा, हर घर पर लहराएगा काव्य पाठ किया। वरिष्ठ साहित्यकार शैलेंद्र बुधौलिया ने त्रास, पीड़ा यातना कुंठा कसक और वेदना, ने कर दिया विवश मुझे मुंह खोलने को ओर चुप्पी की घुटन काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र सिंह ख़ेंगर द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन सुदीप तिवारी ने किया। इस अवसर पर आयोजक सुघर सिंह रावत बालकृष्ण बाथम वीरेंद्र त्रिपाठी ऋतुराज सेन ओम प्रकाश ओझा महेश लक्षकार चंद्रकांत तिवारी जितेंद्र गौतम रवि ठाकुर राज गोस्वामी कमल कांत शर्मा बृजेश द्विवेदी मनीराम शर्मा रामस्वरूप साहू शैलेंद्र बुधौलिया रविंद्र परमार पूर्ण चंद्र शर्मा रामजी खेमरिया सुंदरलाल श्रीवास्तव उपस्थित रहे।




