ग्वालियर

18 महीने के इंतजार के बाद खुले स्कूल, स्कूलों में लौटी रौनक/भितरवार/संवाददाता/कमल साहू

स्लग/18 महीने के इंतजार के बाद खुले स्कूल, स्कूलों में लौटी रौनक/भितरवार/संवाददाता/कमल साहू

कई जागरूक शिक्षकों ने थर्मल स्क्रीनिंग कर स्कूलों में बच्चों को कराया प्रवेश

एंकर// सोमवार को जैसे ही शासन के निर्देशानुसार कक्षा 1 से लेकर पांचवी तक के सभी शासकीय और अशासकीय स्कूल खुले तो जो 18 माह से स्कूल परिसरों में मायूसी का सन्नाटा छाया हुआ था दूर होता हुआ दिखा और स्कूलों में बच्चों के पहुंचने से एक बार फिर रौनक स्कूलों में लौट आई. हालांकि स्कूल खुलने के पहले दिन स्कूलों में दर्ज बच्चों की संख्या के अनुपात में कम ही बच्चे पहुंचे, लेकिन कुछ जागरूक शिक्षकों ने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए स्कूलों की बहुत ही खूबसूरत आज तक जाती तो वही बच्चों को थर्मल स्क्रीनिंग कर स्कूल परिसर में प्रवेश कराया गया.

सोमवार को जैसे ही प्राथमिक स्तर के स्कूल खोले गए वैसे ही विकास खंड शिक्षा अधिकारी पुष्पा डौंढीं शासकीय प्राथमिक विद्यालय गोहिंदा पहुंची जहां उन्होंने स्कूल के पहले दिन स्कूल पहुंचे सभी छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग कराते हुए बच्चों के हाथों को सैनिटाइज कराते हुए मास्क लगवाया.वही स्कूल के शिक्षक ब्रजकिशोर स्वर्णकार, अजय श्रीवास्तव, साधना पाराशर, रविंद्र सिंह यादव, मनीषा रावत आदि के सहयोग से बच्चों को शैक्षणिक स्टेशनरी उपलब्ध कराई गई, तो वही स्कूल परिसर को फूलों से सजाया गया था. इसी प्रकार ग्राम बांसौड़ी स्थित प्राथमिक स्कूल पर शिक्षक राजीव दुबे द्वारा छात्रों को तिलक लगाया गया वही ढोल नगाड़े बजवा कर बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया. इसी प्रकार जावरा विकासखंड के ग्राम जतर्थी स्थित प्राथमिक स्कूल पर राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक आनंद अग्रवाल द्वारा अन्य शिक्षकों के सहयोग से ग्राम में घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल आने का आमंत्रण दिया और स्कूल पर सर पर पहुंचे सभी बच्चों को तिलक लगाते हुए मिष्ठान खिलाकर प्रवेश दिलाया गया. इस दौरान बीआरसीसी शशि भूषण श्रीवास्तव एवं ब्लॉक में पदस्थ सभी बीएसी और सीएसी अपने अपने क्षेत्र के स्कूलों में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए भ्रमण कर बच्चों की उपस्थिति की रिपोर्ट बनाते रहे।

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