भितरवार — आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व नवदुर्गा महोत्सव 26 सितंबर से शुरू हो गया है। शारदीय नवरात्र पर्व के पहले दिन सोमवार को नगर एवं अंचल में घटस्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना का कार्य शुरू हुआ । वहीं मां की आराधना के लिए नगर और अंचल में जगह जगह पंडाल सज चुके हैं। नगर में करीब 15 से अधिक सार्वजनिक स्थानों पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा मां की प्रतिमाएं विराजित की गई हैं।
*बंगले में दिखेगा माता का त्रिवेणी संगम -*
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नगर के मुख्य तिराहे पर स्थित बंगले में कमेटी की ओर से नवरात्रि का भव्य आयोजन किया जा रहा है औऱ माता के त्रिवेणी स्वरूप की प्रतिमा का में दरबार सजाया गया है। जिसमे मां काली , मां सरस्वती व माँ दुर्गा को विराजमान किया गया है। जिस की घट स्थापना के साथ नगर में भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए निकाली जिसमे माताएं, बहने सिर पर कलश रख कर चल रही थी और पीछे पीछे माता की प्रतिमाएं ट्रेक्टर में सवार हो चल रही थी, जहां नगर के लोगो के द्वारा पुष्प वर्षा कर माता का स्वागत किया गया। वहीं वार्ड नं 7 स्थित काली माता प्रांगण में भी खटीक समाज द्वारा गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां काली की प्रतिमा विराजित कर झांकी लगाई जा रही है। वही देखा जाए तो इस बार नगर में पहली बार दो जगह मां काली की प्रतिमाएं विराजित की गई है जो कि आकर्षण का केंद्र रहेंगी। वहीं नगर में दाऊ धाम , बस स्टैंड , वार्ड नं 4 , वार्ड नं 2 , वार्ड नम्बर 1 , 5 ,14, 13 सहित सभी वार्डों में 9 दिन का यह त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाने को लेकर व्यापक तैयारियां पूरी हो गई है। साथ ही सुबह से लेकर देर शाम तक नगर में सजीव माता के पंडालों पर घट स्थापना के साथ माता की प्रतिमाओं की प्रतिमाओं का विराजमान होकर साज-सज्जा का कामकाज चलता रहा।
*मां काली की निकली भव्य कलश यात्रा -*
नगर में मुख्य रूप से सोमवार को चल समारोह निकाले गए । दूसरी ओर मान्यता के अनुसार मंदिरों पर विशेष रूप से माता की पूजा करने के लिए महिला पुरुष बच्चे सभी हाथों में जल का लोटा लेकर माता को सीचने मंदिरों पर पहुंची जहां विशेष पूजा अर्चना कर माता रानी से सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस दौरान नगर के प्राचीन मां खेड़ापति मंदिर , मां काली माता मंदिर पर , मां लखेश्वरी मंदिर पर पहले दिन सुबह 4:00 बजे से ही श्रद्धालुओं का मां के दरबार में पहुंचना शुरू हो गया था जहां शुद्ध जल से माता रानी को सीचने के बाद आरती उतारी गई । इस दौरान नगर में गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी गोलेश्वर महादेव मंदिर से मां काली का खटीक समाज द्वारा विशाल चल समारोह कलश यात्रा के रूप में निकाला गया जिसमें खटीक समाज के युवा हाथों में तलवार यह आगे आगे चल रहे थे तो पीछे पीछे महिलाएं सिर पर कलश रखकर चल रही थी इस दौरान हर जगह जय काली जय काली के जयकारे गुंजायमान हो रहे थे। इस दौरान नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए मां काली की प्रतिमा काली माता मंदिर प्रांगण पहुंची जहां गणेश स्थापना के साथ माता की स्थापना की गई।
*तप और आराधना का सिलसिला हुआ शुरू -*
16 दिन पितृ पूजन के बाद अब तप और आराधना का सिलसिला शुरू होगया। भक्तो को पूरे वर्ष भर शारदीय नवरात्रि पर्व के आगमन का काफी उत्साह के साथ इंतजार रहता है। जिसके चलते नजर में हर जगह माता की जयकारे गुंजायमान बनी रहती है और पूरा नगर आदि शक्ति की भक्ति में डूबा हुआ नजर आता है। इस बार नवरात्रि पर्व की शुरुआत 26 सितंबर को घटस्थापना के साथ हुई जो निरंतर 4 अक्टूबर तक पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा।नगरभर में विद्युत सज्जा की गई है। जगह-जगह पंडालों को आकर्षक रूप से सजाया गया है। शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सभी भक्तों में सुबह से ही उत्साह देखने को मिलना शुरू हो गया था। और यह सिलसिला सुबह से देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान कई लोगों ने अपने घरों और मंदिरों में भी मां दुर्गा की स्तुति और घट स्थापना के साथ नव दुर्गा पाठ सहित कई धार्मिक आयोजनो की भी शुरुआत की।
भितरवार से कृष्णकांत शर्मा की खबर