भितरवार। शनिवार को भितरवार एसडीएम अश्वनी कुमार रावत तहसीलदार श्यामू श्रीवास्तव के निर्देश पर नायब तहसीलदार कमल सिंह कोली ने गठित राजस्व दल अरविंद श्रीवास्तव, विकास यादव विजय अलपुरिया, धर्मपाल, अशोक परिहार, अशोक बाल्मीकि आदि राजस्व के साथ-साथ पुलिस बल नरेंद्र चौहान, जितेंद्र साहू, भूमि भद्र आदि के साथ संयुक्त रुप से सिंध नदी के अंतर्गत आने वाले ग्राम बसई एवं बड़ी झाऊ में मैं पूरे दलबल के साथ रेत की अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए छापामार कार्यवाही की गई। इस दौरान प्रशासन की टीम को ग्राम बसई मैं लगभग 200 डंपर अवैध रेत एवं ग्राम बड़ी झाऊ मै 50 डंपर के लगभग रेत ढेर के रूप में डंप हुई मिली जिसे जप्त करने की कार्रवाई की गई। वही जप्त सुदा अवैध रेत को संबंधित ग्राम पंचायत सचिव एवं कोटवार के सुपुर्दगी में रखा गया। वही जप्त की गई अवैध रेत की बाजारु कीमत 62 लाख 50 हजार रुपए आकी गई है।
बता दें कि भितरवार विकासखंड के अंतर्गत सिंधु और पार्वती नदी क्षेत्रों से पिछले कई महीनों से अवैध रूप से खनन माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा था। लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा खुलेआम दोनों ही नदियों से हो रहे अवैध रेत के उत्खनन और परिवहन पर किसी प्रकार का प्रतिबंध लगाने का प्रयास नहीं किया। वही हाल ही में ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा वर्षा काल को देखते हुए एनजीटी के प्रावधानों का हवाला देते हुए दोनों ही नदी क्षेत्रों पर किसी भी प्रकार का उत्खनन और परिवहन करने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन क्षेत्र में सक्रिय खनन माफियाओं द्वारा सिंध नदी के लोहारी, गोंदारी, बसई, पवाया, बिजकपुर, भेंसनाई आदि ग्रामों में निरंतर नदी का सीना चीर कर अवैध रूप से रेत पनडुब्बियों से निकाल ली जा रही थी। इसी प्रकार पार्वती नदी के लोहड़ी, धोवट, नजरपुर, सिल्हा,पलायछा, सहारन, मोहनगढ़ आदि ग्रामों में माफियाओं द्वारा रेत निकाल कर मनमाने दामों पर जहां बाजारों में विक्रय किया जा रहा था। तो वहीं दूसरी ओर सरकार को प्रतिदिन हजारों रुपए के राजस्व का घाटा भी पहुंचाया जा रहा था। रेत के अवैध उत्खनन के कारण जलीय जीव जंतुओं पर जहां जीवन का खतरा था तो वहीं पर्यावरण को भी खतरा उत्पन्न हो रहा था उसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा दोनों ही नदियों के क्षेत्र से हो रहे रेत के अवैध उत्खनन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई जिसके कारण दिन प्रतिदिन रेत माफियाओं के हौसले बुलंद होते गए और उन्होंने दिन रात करोड़ों रुपए के खनिज की चोरी कर डाली। यही नहीं जब जिला प्रशासन द्वारा वर्षा काल को देखते हुए रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया गया है तब भी रेत माफिया क्षेत्र में सक्रिय होकर उन्होंने वर्षा काल के दौरान रेत विक्रय के लिए जगह-जगह एकत्रित कर डंप कर डाली। रेत के अवैध कारोबार में कहीं ना कहीं खादी और खाकी दोनों का ही गठजोड़ खनन माफियाओं के बीच चल रहा है जिसके कारण प्रशासन भी मूकदर्शक बना रेत के अवैध कारोबार को देख कर भी अनदेखा किए हुए था।


भितरवार से कृष्णकांत शर्मा की खबर


