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दतिया:ग्राम मकोनी में ग्रामीणों को करना पड़ा बारिश रुकने का इंतजार नही रुकी तो त्रिपाल लाकर किया दाह संस्कार

दतिया:ग्राम मकोनी में ग्रामीणों को करना पड़ा बारिश रुकने का इंतजार नही रुकी तो त्रिपाल लाकर किया दाह संस्कार
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राजापुर पंचयात के ग्राम मकोनी में नही है मुक्तिधाम, भारी भ्रष्टाचार होने की संभावना
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दतिया। दतिया में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग विकास की दावों की हकीकत पोल खोलती हुई एक नई तस्वीर सामने आई है। जिसमें ग्रामीण ठंड के मौसम में वेमौस हो रही बारिश का रुकने का इंतजार करते हुए दिखाई दिए। क्योंकि ग्रामीणों को अपने परिजन का अंतिम संस्कार करना था। जिसे वह बारिश की वजह से नहीं कर पा रहे थे। मामला दतिया के ग्राम पंचायत राजापुर के ग्राम मकोनी का है। जिसमें विकास के दावे तो बहुत किए जा रहे हैं, परंतु असल हकीकत मुक्तिधाम नहीं होने की बेमौसम बारिश में सामने आ गई। जानकारी के अनुसार बता दें कि ग्राम मकोनी के एक परिवार में गमी हो जाने के कारण परिजन अपने व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए ग्राम के खेत पर पहुंचे थे। जब बारिश हो रही थी तो वह अंतिम संस्कार नहीं कर सके। जिसका ग्रामीणों ने बारिश रुकने का इंतजार किया। अन्यथा बारिश नहीं रुकने की वजह से उन्होंने त्रिपाल का प्रबंध कर बेमौसम बारिश के चलते अंतिम संस्कार किया गया। असल वजह ग्राम अकौनी में मुक्तिधाम नहीं होने की बताई जा रही है। जिसकी वजह से ग्रामीण जन हमेशा अपने दिवंगत परिजनों का अंतिम संस्कार करने हेतु बेहद परेशान होते हैं और ग्राम पंचायत है कि इस समस्या पर कभी ध्यान नहीं देती है। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा हर ग्राम पंचायतों के ग्रामों में मुक्तिधाम सहित तमाम व्यवस्थाएं होने का दावा करती है, लेकिन असल में कई ग्रामों में इस प्रकार की समस्या बनी हुई है जो इस हाल में सामने आ जाती है। उल्लेखनीय है कि जब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुक्तिधाम सहित अन्य विकास कार्यों के लिए पंचायतों का फंड जारी किया जाता है तो यह फंड सरपंच सचिव मिलकर डकार जाते हैं और यह समस्या ग्रामों में बनी रहती है। यही नजारा ग्राम पंचायत राजापुर के ग्राम मकोनी का सामने आया है। जिसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि ग्राम पंचायत राजापुर में निर्माण कार्य के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया गया है। जिसके चलते सबसे ज्यादा अति आवश्यक मुक्तिधाम तक की व्यवस्था आज तक नहीं की जा सकी है। अब देखना होगा कि इस मामले के सामने आ जाने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उच्च अधिकारी इस पर क्या संज्ञान लेते हैं।

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