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प्रशासन ध्यान दें नगरपालिका के नाक के निचे अतिक्रमण मुहिम में तोड़ी गई दुकान है फिर बनकर तैयार

प्रशासन ध्यान दें नगरपालिका के नाक के निचे अतिक्रमण मुहिम में तोड़ी गई दुकान है फिर बनकर तैयार।
दतिया:- जमीनों पर बने हुए मकानों को प्रशासन भले ही अतिक्रमण मुहिम में तोड़ देती है लेकिन वही दोबारा फिर से दुकानें बनाई जाती है तो आपको बता दें प्रशासन के आदेशों की धज्जियां पूर्ण तरीके से उड़ाई जा रही हैं क्योंकि आपको बता दें जिस प्रकार प्रशासन पैसा खर्च कर एवं पूर्व प्रशासन अतिक्रमण हटाओ योजना में लग जाता है तो उसमें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है आज हम यह विस्तार से बताने जा रहे हैं क्योंकि प्रशासन में पूरा फोर्स लगा दिया जाता है पुलिस के छोटे से लेकर बड़े जवान तक के अधिकारियों को तैनात कर दिया जाता है तब यह अतिक्रमण हटाया जाता है लेकिन वही अतिक्रमण हटाने के बाद फिर से दुकानें बनाई जाती है तो अतिक्रमण हटाने का मतलब क्या होता है यह अभी तक समझ में नहीं आता है और प्रशासन इतना पैसा क्यों खर्च करता है जिसमें जेसीबी मशीनों पर खर्च किया हुआ राजेश का पैसा इससे अच्छा तो यह है कि प्रशासन अतिक्रमण हटाए नहीं या तो प्रशासन का आदेश चलता नहीं है या तो प्रशासन की कार्रवाई से लोग संतुष्ट नहीं है आपको बता दें कि नगरपालिका के सामने शासकीय जमीन पर अतिक्रमण कर दुकान का निर्माण कर लिया गया था जिसे दतिया प्रशासन के द्वारा दुकान है तोड़ दी गई थी लेकिन प्रशासन के नाक के नीचे फिर दुकाने बनकर तैयार ।
सेवढा चुंगी पर तोड़ी गई अनेक दुकानों में से कई दुकानें फिर से चालू हो चुकी है लेकिन प्रशासन का कोई ध्यान नहीं प्रशासन की नाक पर अतिक्रमण की जमीन पर फिर से बनाई जा रही है दुकान है और चालू भी की गई है

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