मध्यप्रदेश

आंखों से निशक्त महिला को लड़के के कंधे का सहारा लेकर पेंशन निकालने के लिए 6 किलोमीटर दूर पैदल चलकर सिरसुला से चीनौर आना पड़ता है

एंकर/ आंखों से निशक्त महिला को लड़के के कंधे का सहारा लेकर पेंशन निकालने के लिए 6 किलोमीटर दूर पैदल चलकर सिरसुला से चीनौर आना पड़ता है जानकीबाई बाल्मिक 30 वर्षीय ने बताया है कि मुझे बचपन से आंखों से दिखाई नहीं देता में आंखों से निशक्त हूं इसलिए शासन द्वारा मुझे ₹600 हर माह पेंशन के रूप में मिलते हैं जिन्हें निकालने के लिए मुझे अपने गांव सिरसुला से चीनौर आना पड़ता है हमारे गांव में क्योसको सेंटर की सुविधा नहीं है हमको 6 किलोमीटर पैदल चलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जबकि प्रदेश के मुखिया कहते हैं निशक्त ओं के लिए पेंशन के पैसे निकालने के लिए गांव गांव में सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी लेकिन ऐसा आज तक नहीं हुआ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का भी इस ओर कोई ध्यान है

बाइट/निशक्त जानकीबाई बाल्मिक

ज्ञानसिंह मौर्य संवाददाता चीनौर की रिपोर्ट

sangam